Mugalkaleen Bharat
मुग़लकालीन व्यवस्था सैन्य तकनीकी - 15वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में गुजरात, मालवा तथा दक्खन जैसे कुछ प्रदेशों में आग्नेय अस्त्रों का इस्तेमाल किया गया। परन्तु इसका नियमित उपयोग पुर्तगालियों ने दक्षिण भारत में 1498 ई. से शुरू किया और उत्तर भारत में बाबर ने इसका पहली बार उपयोग किया। ये बन्दूके वस्तुत: तोड़ेदार बंदूके थीं। यूरोप में बन्दूक चलाने के लिए दो विधियों का उपयोग किया जाता था- चक्रतकनीकी (व्हीललॉक) और चकमकी पत्थर की विधि (फ्लिंटलॉक)। व्हीललॉक का उपयेाग पिस्तौल के लिए होता था। अबुल फजल लिखता है कि अकबर ने ऐसी यांत्रिकी विकसित की थी जिसकी सहायता से एक घोडा दबाने से एक ही साथ 17 बन्दूकों से गोली दागी जा सकती थी। जहाज निर्माण तकनीकी - यूरोपवासी जहाजों के निर्माण में लोहे के कील का उपयेाग करते थे। भारतीयों ने इस तकनीकी को शीघ्रता से अपना लिया। 1510 ई. के आस-पास बार्थेमा ने कालिकट में खडे भारतीय जहाजों में लोहे की कीलों का जम कर उपयोग देखा था। इसी प्रकार 17वीं शताब्दी के दौरान लोहे के लंगरों का उपयेाग किया जाने लगा। जहाज से पानी लिए भारतीय बाल्टी का उपयोग करते थे। हालांकि 17वीं शत